सरदारपुर। इंदौर-अहमदाबाद सड़क मार्ग पर सर्पाकार माछलिया घाट के खतरनाक सफर से गुरुवार शाम को निजात मिल गई। फोरलेन निर्माण के बाद करीब 1 दशक से भी अधिक समय से तमाम अड़चनों के चलते माछलिया घाट क्षेत्र मे सड़क का निर्माण नहीं हो पा रहा था। वर्ष 2021 मे करीब 211 करोड़ की लागत से माछलिया घाट एवं वन क्षेत्र खरमौर अभ्यारण सीमा मे बचे हुए 16 किमी मार्ग को फोरलेन मे तब्दील करने का कार्य आरंभ हुआ था जो अब जाकर पुर्ण हुआ।
आज नेशनल हाईवे के प्रोजेक्ट डायरेक्टर सुमेश बेंजल एवं ई 5 कंपनी के प्रोजेक्ट डायरेक्टर अनिल सुराण ने विधिवत पूजा अर्चना कर मार्ग पर आवागमन आरंभ करवाया। श्री बेंजल ने कहा की पहाडो के बीच से गुजरने वाले इस फोरलेन पर सफर अब काफी सुगम होगा। आपने कहा की व्युओपी पर पिलर पर पेंटिंग कर इसे आकर्षक बनाया जाये ताकि इस पर से सफर करने वाले राहगीर को यह मार्ग एक रोमांचक सफर के तौर पर याद रहे।
आपने कहा की पहले करीब 6 किमी के माछलिया घाट को पार करने के लिए 20 से 25 मिनट तक का समय लग जाता था। कई बार जाम के चलते यह समय घंटो मे भी तब्दील हो जाता था। लेकिन अब मात्र 2 से 3 मिनट मे 90 की स्पीड से घाट का सफर पूरा हो जाता है।
वर्ष 2011 मे इंदौर-अहमदाबाद सड़क मार्ग को फोरलेन मे तब्दील होने का कार्य आरंभ किया गया था। इंदौर से गुजरात सीमा तक पिटोल मे 155 किमी तक की सडक मे से 139 किमी की सड़क को फोरलेन मे तब्दील किया जा चुका था। बाकी बचे हुए मार्ग को आज माछलिया घाट के पूर्ण होने के बाद राजमार्ग फोरलेन मे तब्दील होकर अब यह इंदौर-बैतूल राजमार्ग 47 के नाम से जाना जायेगा। माछलिया घाट क्षेत्र मे मेजर ब्रिज को जो निर्माण हुआ है वह 800 मीटर का है। ब्रिज की ऊंचाई 17 मीटर है। इस ब्रिज मे 52 छोटे बड़े पिलर लगे है। जिसके कारण पुराने माछलिया घाट के 9 से अधिक मोड अब खत्म हो गये ।
माछलिया घाट क्षेत्र मे फोरलेन निर्माण शुभारंभ के अवसर पर चीफ लाईजीग ऑफिसर श्रीकांत शर्मा,कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर राकेश शुक्ला,कंपनी के मैनेजर राहुल कौशिक,इंजीनियर हिमांशु कौशिक,प्रदीप लांबरा आदि उपस्थित थे।