Homeअपना शहरराजगढ़ - शासकीय महाविद्यालय में उच्च शिक्षा में नवाचार पर राष्ट्रीय वेबीनार...

राजगढ़ – शासकीय महाविद्यालय में उच्च शिक्षा में नवाचार पर राष्ट्रीय वेबीनार का हुआ आयोजन, 5 राज्यों से 100 से अधिक प्राध्यापक, शोधार्थी एवं विद्यार्थी हुए शामिल

राजगढ़। श्री राजेंद्र सूरी शासकीय महाविद्यालय सरदारपुर-राजगढ़ में एक दिवसीयराष्ट्रीय वेबीनार का आयोजन किया गया। वेबीनार “उच्च शिक्षा विभाग में नवाचार: राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के संदर्भ में,” विषय पर संपन्न हुआ। उच्च शिक्षा विभाग, मध्य प्रदेश शासन द्वारा प्रायोजित वेबीनार का शुभारंभ माँ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं पूजा अर्चना से हुआ। महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. एल.एस.अलावा द्वारा स्वागत उद्बोधन प्रस्तुत कर समस्त अतिथियों एवं प्रतिभागियों का अभिनंदन ज्ञापित किया गया एवं नवाचार को उच्च शिक्षा के संदर्भ में समय की मांग एवं शिक्षा को रुचिकर बनाने के लिए जरूरी बताया। महाविद्यालय की वरिष्ठ प्राध्यापिका प्रो. सरिता जैन ने महाविद्यालय की उपलब्धियां के बारे में प्रतिभागियों एवं अतिथियों के बीच अपनी बात रखी।

कार्यक्रम संयोजक डॉ. सपना कासलीवाल द्वारा कार्यक्रम की विस्तृत रूपरेखा एवं वेबीनार विषय की संकल्पना को बताया। कार्यक्रम की मुख्य संरक्षक के रूप में डॉ. सुधा सिलावट अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा विभाग इंदौर संभाग रही। कार्यक्रम के प्रथम सत्र की शुरुआत के साथ ही प्रथम वक्ता के रूप में डॉ.अभिषेक कुमार सिंह सहायक प्राध्यापक दिल्ली विश्वविद्यालय रहे , जिनका परिचय प्रो.सुरेंद्र रावत द्वारा दिया। डॉ अभिषेक सिंह ने बताया गया किभारत में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) सीखने के परिणामों को बढ़ाने के लिए शिक्षा में प्रौद्योगिकी को एकीकृत करने पर जोर देती है।
कार्यक्रम में द्वितीय वक्ता के रूप में डॉ. रीति गुप्ता सहायक प्राध्यापक शासकीय महाविद्यालय इसराना पानीपत रही, जिनका परिचय डॉ मोहित सिंह चौहान द्वारा दिया गया।


डॉ.रीति गुप्ता ने राष्ट्रीय वेबीनार में “एनईपी 2020: अकादमिक अनुसंधान में परिवर्तन” विषय पर एक विस्तार व्याख्यान दिया। उन्होंने एनईपी 2020 के आलोक में गुणवत्तापूर्ण अनुसंधान के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि एनईपी 2020 केवल भविष्य के लिए एक दृष्टिकोण नहीं है; यह एक ऐसी दुनिया का रोडमैप है जहां अकादमिक अनुसंधान जीवंत, गतिशील और परिवर्तनकारी है।
तकनीकी सत्र की अध्यक्षता डॉ. सारिका दीक्षित, कुल सचिव महात्मा गांधी विश्वविद्यालय, मेघालय ने की।

उन्होंने सत्र के अंत में कहा कि वेबीनारमें वाचन किए गए सभी शोध पत्र उत्कृष्ट थे एवं वे निश्चित ही उच्च शिक्षा में नवाचार जैसे विषय पर आगे मार्ग निर्देशन करेंगे। प्राचार्य प्रो एलएस अलावा ने बताया कि देश के 5 राज्यों से 100 से अधिक प्राध्यापकों, शोधार्थियों एवं विद्यार्थियों ने इस वेबीनार में सम्मिलित होने हेतु पंजीयन करवाया। 30 से अधिक प्रतिभागियों के शोध पत्र प्रकाशन हेतु प्राप्त हुए एवं 15 से अधिक शोध पत्रों का वाचन किया गया। सभी प्रतिभागियों को सहभागिता प्रमाण पत्र दिए गए। कार्यक्रम का संचालन डॉ। सपना कासलीवाल द्वारा किया गया एवं डॉ. डीएस मुजाल्दा द्वारा सभी अतिथियों, प्रतिभागियों एवं आयोजन समिति का आभार माना गया।

सम्पूर्ण वेबीनार में महाविद्यालय स्टाफ द्वारा सक्रिय सहभागिता की गई।
तकनिकी कार्य में महेन्द्र अलावा एवं दिपेश डांगी ने सहयोग प्रदान किया। तथा महाविद्यालय के वरिष्ठ प्राध्यापक प्रो. आरके जैन, डॉ राकेश शिन्दे ,डॉ. रंजना पाटीदार, प्रो. लालिमा विजयवर्गीय, डॉ. निधि बाजपेई, डॉ. जितेन्द्र भगोरे, स्नेहलता मण्डलोई एवं बसंती मुझाल्दा द्वारा सहयोग दिया गया।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments

error: Content is protected !!