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राजगढ़ – श्रीमद् भागवत महापुराण ज्ञान गंगा सप्ताह समापन अवसर पर निकली धर्मयात्रा, हजारों लोगों ने की सहभागिता, चार प्रदेशो के कलाकारों ने जमाया रंग

राजगढ़। धर्मनगरी के नाम से विख्यात राजढ़ नगर में बुधवार का दिन इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया। अवसर था नगर में सनातन धर्म के तेरह मंदिरों पर पिछले सात दिनों से बह रही धर्मगंगा श्रीमद् भागवत महापुराण के समापन का। दोपहर ढाई श्रीमाताजी मंदिर से श्रीचारभुजा युवा मंच के नेतृत्व में यात्रा प्रारंभ हुई। करीब एक किमी इस यात्रा को निहारने के लिए एक स्थान पर खड़े श्रद्धालुओं को दो घंटे तक का समय लगा। यात्रा में चार प्रदेश के कलाकारों ने धार्मिक एवं पौराणिकता पर आधारित मनमोहक प्रस्तुति दी।

खासकर 12 फीट उंची नरकासुर और गुरूड़जी की झांकी ने श्रद्धालुओं का मन मोह लिया। यात्रा का 60 से अधिक धार्मिक एवं सामाजिक संस्थाओं द्वारा स्वागत किया। यात्रा के पूर्व जगह-जगह श्रद्धालु घरों के ओटलों और छतों पर चढ़कर यात्रा की प्रतिक्षा करते नजर आए। करीब छह घंटों तक यात्रा ने नगर भ्रमण किया।

यात्रा में रथ में सवार तेरह मंदिरों के कथापुराणी श्री लड्डू गोपाल जी की पालकी, बाबा खाटू श्याम का दरबार, इंदौर का प्रसिद्ध मालवा बैंड, चिराग आर्ट्स दिल्ली, राजस्थान के युवराज ग्रुप उदयपुर, हसो महाकाल भक्त मंडल उज्जैन, कथक मंडली राजकोट, श्री गंगा माताजी, बांबु मेन आदि झांकी ने श्रद्धालुओं मनमोह लिया। वही डीजे पर आदिवासी लोकगायक विक्रम चौहान, भेरू मस्ताना एवं गायिका विलास परमार के गीतों की प्रस्तुति पर श्रद्धालु जमकर नाचते नजर आए। यात्रा में मांडव से महामंडलेश्वर डॉ नरसिंह दास जी महाराज भी यात्रा को सानिध्य देने के लिए पधारे थे। जो रथ में सवार होकर अभिवादन स्वीकारते दिखे।

वही ज्योतिषाचार्य पुरुषोत्तम जी भारद्वाज यात्रा में पैदल ही श्रद्धालुओं का अभिवादन सस्वीकारते हुए निकले। जिनके साथ मंच अध्यक्ष राकेश सोलंकी भी मौजूद रहे। यात्रा में मंच के सभी सदस्य एक समान वेशभूषा पहने चल रहे थे।

मुख्य मार्गो से होते हुए पुनः यात्रा श्रीमाताजी मंदिर पहुंची। जहां सभी कथापुराणियों का मंच की ओर से सम्मान किया गया।

महाआरती के बाद प्रसाद वितरित की गई। यात्रा में मंच संरक्षक धारासिंह चौहान, मनोज माहेश्वरी, नवीन बानिया, गोपाल माहेश्वरी, पवन जोशी, मुकेश बजाज, सचिवद्वय सुजीत ठाकुर एवं महेश राठौर, विजय व्यास, राजेश शर्मा, ओमप्रकाश परमार, गोविंद मोरी, भरत मोरी, गिरिराज राठौर, हरिओम सोनी, दुर्गाप्रसाद सोलंकी, दीपक पटेल, अंतिम कमेड़िया, मनीष मकवाना, कृष्णा बारोड़, राजेंद्र पड़ियार, घनश्याम सोलंकी, राहुल यादव, कमलेष चौहान, रवि पंवार, जाग्रत शर्मा, प्रेम सोलंकी, संजय भाटी आदि पदाधिकारी व्यवस्थाओं को लेकर सक्रिय नजर आए।


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