रमेश प्रजापति @ सरदारपुर। विधानसभा चुनाव (assembly elections) में अब कुछ ही दिन शेष बचे है। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही सरदारपुर की सीट हासिल करने के लिए पूरी तरह मैदान में डटे है। लेकिन भाजपा संगठन से कांग्रेस चुनावी तैयारी में काफी आगे दिखाई दे रही है। एक ओर जहां भाजपा सरदारपुर विधानसभा सीट पर इस बार हर हाल में काबिज होना चाह रही है तो वही दूसरी और कांग्रेस सरदारपुर विधानसभा की परंपरागत सीट को किसी भी हाल में भाजपा के हाथों में नहीं जाने देना चाह रही है। कांग्रेस की और से विधायक प्रताप ग्रेवाल का टिकट तय माना जा रहा है। इधर, भाजपा सरदारपुर विधानसभा के लिए जिताऊ चेहरा तलाश रही है।
अमित शाह की टीम कर गई सर्वे ?
मध्यप्रदेश की सत्ता पर पुनः काबिज होने के लिए भाजपा संगठन की ओर से केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने चुनावी मैदान संभाल रखा है। प्रदेश में 39 हारी हुई सीटों पर भाजपा ने अपने उम्मीदवार घोषित किए थे। जिसके बाद अगली सूची भी जल्द आने वाली थी। लेकिन पहली सूची सामने आने के बाद हुई राजनीतिक उठापटक ने संगठन के सारे सर्वे को एक सिरे से खारिज कर दिया। जिसके बाद अमित शाह की टीम ने भाजपा की हारी हुई सीटों पर सर्वे किया है। सूत्रों के अनुसार सरदारपुर विधानसभा से अमित शाह की टीम सर्वे कर जिताऊ चेहरे का नाम भेज चुकी है। अब केवल औपचारिक घोषणा होनी बाकी है, जो संभवत इस माह के अंत मे नई सूची में नाम सामने आ सकते है।
कांग्रेस करवा रही प्रियंका की सभा –
कांग्रेस का फोकस इस बार सरदारपुर विधानसभा सहित मालवा-निमाड़ की सभी आदिवासी सीटों पर है। इन सीटों पर भाजपा का गणित बिगाड़ने के लिए कांग्रेस प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) की सभा करवाने जा रही है। हाल ही में प्रियंका की सभा के प्रभारी देपालपुर विधायक विशाल पटेल जैन तीर्थ मोहनखेड़ा में प्रियंका की सभा के लिए स्थान चयन कर चुके है। 5 अक्टूबर को मोहनखेड़ा में प्रियंका गांधी का दौरा कार्यक्रम भी जल्द जारी हो सकता है। हालांकि कांग्रेस के लिए आदिवासी सीटों पर फतह हसील करना उतना आसान नहीं है जितना कांग्रेस समझ रही है। सरदारपुर विधानसभा से कांग्रेस एक बार फिर विधायक प्रताप ग्रेवाल पर दांव लगाने वाली है।
कार्यकर्ता से लेकर मीडिया मैनेज तक कांग्रेस भाजपा से आगे –
भाजपा संगठन हर हाल में सरदारपुर सीट पर काबिज होना चाह रहा है। लेकिन चुनावी तैयारी में भाजपा से कांग्रेस काफी आगे है। कांग्रेस ने अपने वफादार कार्यकर्ताओ की पूछ-परख बड़ा दी है। लेकिन भाजपा की ओर से अपने वफादार कार्यकर्ताओ की पूछ-परख करने वाला कोई दिखाई नही दे रहा है। इधर कांग्रेस मीडिया मैनेज में भी भाजपा से कई गुना आगे है। कांग्रेस ने स्थानीय से लेकर जिले तक के मीडिया को करीब-करीब मैनेज कर लिया है, लेकिन भाजपा में अभी तक इसको लेकर कोई पहल नहीं की गई। इसका नतीजा भी हाल ही में देखने को मिला है, जब भाजपा की जन आशीर्वाद यात्रा को इक्का-दुक्का अखबारों के अलावा किसी ने कवर नही किया।
चलते-चलते –
इन दिनों सोशल मीडिया पर एक फोटो वायरल हुआ है। भाजपा की और से टिकट की दावेदारी कर रहें सभी नेता एक ही फोटो में दिखाई दे रहें है। इससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि संगठन गुटबाजी खत्म करने के लिए व्यापस स्तर पर जुटा है। इससे यह कयास भी लगाए जा रहें हैं कि भाजपा की “चेहरा कोई भी हो, हमारा प्रत्याशी केवल कमल का फूल हैं” वाली लाइन साकार हो सकती हैं।