राजगढ़। राम होना आसान नही है, राम समग्रता का नाम है। राम होना आसान होता तो राम एक नही होते। आज पूरा देश रामोत्सव मना रहा है और भारत फिर से भारत हो रहा है। उक्त बातें राजगढ़ की कन्या शाला परिसर में श्रीराम लला प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के तहत आयोजित युवा सम्मेलन को संबोधित करते हुए मां वाग्देवी संस्थान इंदौर के संस्थापक व राष्ट्रीय ओज कवि मुकेश मोलवा ने कही।
कवि मोलवा ने श्री राम जन्मभूमि 500 वर्षो की संघर्ष गाथा विषय पर प्रबोधन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राम जन्मभूमि के लिए हिन्दू समाज द्वारा लड़ी गई लड़ाइयों पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम की शुरुआत राम दरबार के चित्र पर माल्यार्पण कर की गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता नगर के प्रसिद्ध सराफा व्यवसाई सचिन सराफ ने की। मंच पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला संघ चालक बाबुलाल हामड भी मंचासिन थे। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में नगर सहित क्षेत्रभर से युवा शामिल हुए।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कवि मुकेश मोलवा ने कहा कि श्रीराम जन्मभूमि के लिए करोड़ो लोगों ने अपने प्राणों का बलिदान दिया। यहाँ तक कि भगवान राम खुद वादी बनकर न्यायालय में केस लड़े तथा जन्मभूमि का प्रत्येक प्रमाण दिया। कवि मोलवा ने कहा कि आज कई संगठन जाती के नाम पर हिन्दू समाज को बांटने का काम कर रहे है। जिनसे बचना आवशयक है। भगवान राम महल से निकलकर वन इसलिए गए थे कि वे समरसता का भाव जाग्रत कर सके तथा दुनिया को संदेश देना था कि प्रकृति के बिना कुछ भी संभव नही है।
कवि मुकेश मोलवा ने युवाओं से आवाह्न किया कि युवा संकल्पनाओं का भारत राममय भारत बन रहा है। हमे अपनी भाषा और संस्कृति को भूलना नही है। आज युवाओ को श्री राम जन्मभूमि के 500 वर्षो क्तज संघर्ष की गाथा को जानना आवश्यक है ताकि आनी वाली पीढ़ियों को हम बता सके की राम मंदिर के लिए हमारे पूर्वजों ने अपना सबकुछ न्यौछावर कर दिया और बलिदान भी दे दिया। कार्यक्रम में अतिथि परिचय महाविद्यालयिन विद्यार्थी इकाई के इशान सोनी ने दिया तथा स्वागत भाषण देते हुए कार्यक्रम की रूपरेखा कमलेश चौहान ने रखी। कार्यक्रम का संचालन रोहित सोलंकी ने किया तथा आभार अमर मोदी ने व्यक्त किया।